फ़क़त शून्य
हम हो तो गए हैं
सत्यवादी हरीशचंद्र
परंतु
सच कभी नहीं बोलते
यदि अचानक कभी सच
आ भी जाता है जुबान पर
तो हम
कड़वी दवाई की तरह उसे निगल जाते हैं
आखिर क्यों ?
मैं बताता हूँ
हम पूंजी और मानवता की
वर्ण संकर संतानें हैं ।
चेहरे पर से चेहरे
चेहरे पर से चेहरे
चेहरे पर से चेहरे
प्याज़ के छिलकों की तरह उतारते जाएँ
अंतत: वजूद जैसा
एक दाना
पहचान भी राम नाम सत्य है
पीछे फ़क़त शून्य ।
***
यह शहर
यह कौन-सा शहर है
जहाँ मृत्यु
अच्छे-ख़ूबसूरत खिलौनों जैसी
यहाँ-वहाँ टँगी है
चेहरे पर
देवताओं-दैत्यों के मुखौटे
व्यर्थ वार्तालाप
फ़िजूल सवाल
सर्पों की मानिंद
बिलों में जाते हुए विचार ।
क्या मैं हो गया हूँ चित्तभ्रष्ट
या फिर सूख गया है यह समुद्र
शांत और लहरों से रहित
इस तट पर
लगे हुए कई शिलालेख
ऊँघ रहे हैं ।
उसी दरमियान
प्रेमी-प्रेमिका
महलों का उन्माद बिखेरते हैं
तो बेचारा यह शहर
निर्बल जनता को
सच के लिए
लटका देता है सूली पर
ईसा मसीह की तरह
सच्ची पुकार, झूठा गुनाह
चारों तरफ़ ख़ाकी अजगर
साँस लेते हुए बिखेरते हैं ज़हर ।
सच में यह शहर
ख़ुद ही से जूझता-लड़ता
हो चुका है घायल, बीमार ।
***
जहाँ मृत्यु
अच्छे-ख़ूबसूरत खिलौनों जैसी
यहाँ-वहाँ टँगी है
चेहरे पर
देवताओं-दैत्यों के मुखौटे
व्यर्थ वार्तालाप
फ़िजूल सवाल
सर्पों की मानिंद
बिलों में जाते हुए विचार ।
क्या मैं हो गया हूँ चित्तभ्रष्ट
या फिर सूख गया है यह समुद्र
शांत और लहरों से रहित
इस तट पर
लगे हुए कई शिलालेख
ऊँघ रहे हैं ।
उसी दरमियान
प्रेमी-प्रेमिका
महलों का उन्माद बिखेरते हैं
तो बेचारा यह शहर
निर्बल जनता को
सच के लिए
लटका देता है सूली पर
ईसा मसीह की तरह
सच्ची पुकार, झूठा गुनाह
चारों तरफ़ ख़ाकी अजगर
साँस लेते हुए बिखेरते हैं ज़हर ।
सच में यह शहर
ख़ुद ही से जूझता-लड़ता
हो चुका है घायल, बीमार ।
***
अनुवाद : नीरज दइया
राजस्थानी और हिंदी के प्रख्यात गद्य लेखक श्री यादवेंद्र शर्मा "चंद्र' (1932-2009) सबके प्रिय लेखक रहें हैं । राजस्थान पत्रिका सृजन पुरस्कार की श्रेणी में वर्ष 1996 में 'गुळजी गाथा' पर पुरस्कृत, साहित्य महोपाध्याय, साहित्यश्री, डॉ० राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार आदि । आपके उपन्यास 'हजार घोडों पर सवार' पर टीवी धारावाहिक बना, 'लाज राखो राणी सती' नामक पहली राजस्थानी फिल्म भी 'चंद्र' के लेखन का परिणाम थी, गुलाबडी, चकवे की बात और विडम्बना पर टेली-फिल्में बनी ।
सब से पहले तो दहिया जी आपका धन्यवाद के आप ने ये अद्भुत लेखन हम तक पहुँचाया ...!!
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