tag:blogger.com,1999:blog-472129773325857779.post2125586549826114276..comments2015-06-11T07:09:30.977+05:30Comments on रेत में नहाया है मन: नंद भारद्वाज की कविताएंUnknownnoreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-472129773325857779.post-60100097339914389602011-06-15T13:08:33.372+05:302011-06-15T13:08:33.372+05:30Aapka aabhar Neeraj!Aapka aabhar Neeraj!नंद भारद्वाजhttps://www.blogger.com/profile/10783315116275455775noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-472129773325857779.post-80428765569591192312011-06-03T10:34:33.305+05:302011-06-03T10:34:33.305+05:30नंद जी कविताओं में गहरी आत्मीयता है! यह अन्यत्र सु...नंद जी कविताओं में गहरी आत्मीयता है! यह अन्यत्र सुलभ नहीं है।Shyam Bihari Shyamalhttps://www.blogger.com/profile/02856728907082939600noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-472129773325857779.post-26792548738189506872011-06-02T21:02:16.855+05:302011-06-02T21:02:16.855+05:30भाई नीरज जी,
आप हर काम सधे हुए कदमों से करते हैं !...भाई नीरज जी,<br />आप हर काम सधे हुए कदमों से करते हैं !<br />आहट भी नहीं होती मगर उसकी धमक दूर तक सुनाई देती है !<br />आपका यह अनुवाद का काम भी उसी श्रेणी में आ रहा है--बधाई हो !<br />आदरणीय नन्द भारद्वाज जी की दोनों राजस्थानी कविताओं का आपने शानदार अनुवाद किया है ! इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम ही होगी ! निश्चय ही आप साधुवाद के पात्र हैं ! जय हो आपकी !ओम पुरोहित'कागद'https://www.blogger.com/profile/13038563076040511110noreply@blogger.com